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प्रमुख हिंदी मुहावरे झारखंड B.Ed एंट्रेंस एग्जाम 2022, Important Hindi Idioms for Jharkhand B.Ed Entrance Exam 2022


प्रमुख हिंदी मुहावरे

सामान्य परिचय - सामान्य रूप में मुहावरा शब्द का अर्थ है- अभ्यास, परन्तु विशेष अर्थ में मुहावरा उस वाक्यांश को कहते हैं जो साधारण अर्थ के स्थान पर एक विशेष अलौकिक अर्थ को प्रकट करे। मुहावरों का सबसे विशेष गुण यह होता है कि वे आकार में लघु होते हुए भी बड़े भाव या विचार को प्रकट करने की क्षमता रखते हैं

भाषा को सजीव, प्रवाहपूर्ण और आकर्षक बनाने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। उनके प्रयोग में इस बात की पूरी सावधानी रखना आवश्यक है कि उनका ठीक-ठीक भाव समझने के उपरांत ही उनका प्रयोग किया जाना चाहिए। शब्दों के बदलने अथवा उनमें हेर-फेर करने से मुहावरे का मूल अर्थ ही बाधित हो जाता है। मुहावरों का सही भाव या अर्थ समझे बिना उनका प्रयोग करना अर्थ का अनर्थ कर सकता है। अतः मुहावरों के भाव और अर्थ को ठीक-ठीक समझना मुहावरा प्रयोग की पहली शर्त है।


● अंग-अंग मुस्काना (खूब प्रसन्न होना)-परीक्षा पास होने पर आज उसके अंग-अंग मुस्कान भर रहे हैं।

● अंगूठा दिखाना (ना कह देना)-जब मेरी बारी आयी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।

● खून से सनी विजय (हत्यायें एवं खून-खराबा द्वारा प्राप्त जीत)- सम्राट अशोक ने कलिंग पर खून से सनी विजय पाई थी।

● खून की होली खेलना (मार-काट मचाना)-मुगलों ने गुरु गोविन्द सिंह की सेना के बीच जाकर खून की होली खेली।

● खून की प्यास बुझाना (जान का दुश्मन) भीम ने दुर्योधन को मारकर अपनी खून की प्यास बुझायी। 

● गूलर का फूल होना (चिरकाल तक दिखाई न पड़ना) आप तो आजकल गूलर के फूल हो गए है। 

● घोड़े बेचकर सोना (निश्चित होना)-बेटी के विवाह के बाद मोहनजी घोड़े बेचकर सो रहे हैं।

● घी के दिये जलाना (खुशियाँ मनाना)– पुत्र के जन्म होने पर सेठ जी के घर घी के दिये जल उठे।

● घाट-घाट के पानी पीना (बहुत अनुभवी होना)- यहाँ के सभी नेता घाट-घाट के पानी पीये हुए हैं।

● घुट्टी में पड़ना (बचपन से स्वभाव जाना)– बदमाशी तो उसकी घुट्टी में पड़ गई है वह सुधरेगा कैसे ?

● घर करना (मन में बैठ जाना)- उसकी बात मेरे मन घर कर गई। 

● चार चाँद लगाना (शोभा बढ़ाना)– प्रधानमन्त्री की उपस्थिति ने सभा में चार चाँद लगा दिये।

● चाँदी काटना (खूब आमदनी करना)—आजकल अपने नेताजी खूब चाँदी काट रहे हैं।

● तराजू पर तोल देना (सही-सही परख कर देना)- प्रशासनिक पदाधिकारियों का चयन तराजू पर तोल कर ही किया जाता है।

● दाँत खट्टे करना (बुरी तरह हराना)- महाभारत में अभिमन्यु ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिये थे।

● दाँतों तले अंगुली दबाना (आश्चर्यचकित होना)—-मेराडोना को खेलते देखकर सभी दाँतों तले अंगुली दबाने लगे।

● दूज का चाँद होना (कम दिखाई देना)-राकेशजी तो आजकल दूज के चाँद हो गये हैं।

● दिन दूनी रात चौगुनी (खूब उन्नति करना)-द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जापान ने दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति की है।

● दिन काटना (व्यर्थ समय बिताना) किरानियों को समझना चाहिए कि उन्हें दिन काटने के लिए नहीं, काम करने के लिए तनख्वाह मिलती है।

● दिमाग चाटना ( परेशान करना, बेकार का बहश करना) - निकम्मा बैठे लोग, अक्सर दूसरे का दिमाग- चाटते रहते हैं। 

● धूप में बाल पकाना (बिना अनुभव के समय बिता देना)- मैं तुम्हारी हर चाल समझता हूँ, मैंने अपने बाल धूप में नहीं पकाये हैं। 

● नाक काटना (इज्जत लेना)- झूठा आरोप लगाकर तुमने संजय की सरेआम नाक काट ली।

● नाक का बाल होना (अत्यन्त प्यारा होना)-पाकिस्तान आजकल अमेरिका की नाक का बाल बना हुआ है।

● आसमान फट कर गिरना (अचानक मुसीबत में पड़ना)—उसके घर में चोरी क्या हुई, मानो आसमान फट कर गिर पड़ा।

● उल्लू बनाना (मूर्ख बनाना)- तुमने तो मुझे गलत जगह बताकर खूब उल्लू बनाया ।

● कान पर जूँ रेंगना (कहने पर न सुनना)- मैंने कितने ही आवेदन दिए पर अधिकारियों के कानों पर जूँ तक न रेंगी।

● कान में तेल डालना (निश्चित होना)-नौकरी से हाथ धोने पर भी वे कानों में तेल डाले बैठे हैं।

● कलेजा ठंडा पड़ना (संतुष्ट होना)—किसी को सता कर आपका कलेजा ठंडा होता है क्या ? 

● कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जल उठना)- भारत की उन्नति देखकर पाकिस्तान के कलेजे पर साँप लोटने लगता है।

● कलेजे पर दुधारी फिरना (हर स्थिति में खतरा होना)-पाठ तैयार न होने पर मोहन के कलेजे पर दुधारी फिरने लगी-स्कूल में शिक्षक की मार और घर पर पिता की डपट ।

● करवटें बदलना (चैन न पड़ना)–चिन्ता में कल सारी रात करवटें बदलते ही बीत गई।

● खाक छानना (भटकना)-नौकरी के लिए आजकल कम खाक नहीं छाननी पड़ती है।

● खिदमते अंजाम देना (सेवा करना)—पहले मदरसे में पढ़ाई की जगह मौलवी साहब की खिदमते अंजाम देती थी

● चंपत होना (भाग जाना)-जरा-सी आँख लगते ही चोर सारा सामान लेकर चंपत हो गये। 

● चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना (बहुत ही डर जाना) डाकू को देखते ही उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।

● चिकना घड़ा होना (कोई प्रभाव न पड़ना)- देश का एक बड़ा वर्ग गरीब समाज के लिए चिकना घड़ा हो गया है। 

● छप्पर फाड़ कर देना (काफी मात्रा में मिलना)—ईश्वर किसी को देते हैं तो छप्पर फाड़ कर देते हैं।

● छक्के छुड़ाना (बुरी तरह परास्त करना)- युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए।

● जले पर नमक छिड़कना (दुःखी को और दुःखी करना)- रुपये माँग कर जले पर नमक मत छिड़को। 

● जली-कटी सुनाना (भला बुरा कहना)–विपक्ष के नेता आजकल प्रधानमन्त्री को खूब जली-कटी सुनाते हैं।

● जी जलाना (सताना)-राम ने चिढ़कर मोहन से कहा, जी मत जलाओ, यह काम मैं स्वयं ही कर लूँगा। 

● टन बोलना (मर जाना) अनेक बीमार-बूढ़े इस जाड़े में टन बोल गये।

● डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना (अलग-अलग रहना)- डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाने से सारा देश कमजोर हो जाएगा। 

● तूती बोलना (चलती होना)—आजकल के युग में हर ओर गुंडों की तूती बोल रही है।

● रंग बदलना (विचार बदलना)–नेता तो अपना रंग बदलते ही रहते हैं।

● रात आँखों में काटना (नींद न आना)-चिन्ता के मारे रात आँखों में कट गई।

● सिर मुंडाते ही ओले पड़ना (काम शुरू होते ही विघ्न पड़ना)-नौकरी से भाग्य खुलने की उम्मीद थी लेकिन यहाँ तो सिर मुंडाते ही ओले पड़े। 

● आँख मारना (इशारा करना)—उसने आँखें मारकर मुझको घर से बुलाया।

● आँख फेरना (खिलाफ होना)— बुरे दिनों में अपने मित्र भी आँखें फेर लेते हैं । 

● आँखों में चर्बी छाना (घमण्ड में चूर होना)-थोड़ा धन होते ही प्राय: नीचों की आँखों में चर्बी छा जाती है।

● आँख की किरकिरी होना (अप्रिय होना)- बेटा अपने बुरे व्यवहार से बाप की आँखों की किरकिरी बन गया है।

● मुँह ताकना (किसी का आसरा करना)-परिश्रमी आदमी किसी का मुँह नहीं ताकता ।

● मुँह में पानी आना (लालच होना)-मिठाई देखते ही बच्चे के मुँह में पानी आ गया ।

● पानी उतारना (इज्जत लेना) - दुःशासन भरी सभा में द्रौपदी का पानी उतारने का प्रयास किया।

● पानी-पानी होना (लज्जित होना)—पोल खुलते ही रमेश भरी सभा में पानी-पानी हो गया । 

● मुँह धो रखना (आशा न रखना)—यह चीज अब मिलने को नहीं, मुँह धो रखिये ।

● बीड़ा उठाना (दायित्व लेना)-गाँधीजी ने भारत को आजादी दिलाने का बीड़ा उठाया था।

● मुँह की खाना (हार जाना)– चीन को भी पाकिस्तान की तरह भारत से लड़ाई में मुँह की खानी पड़ीं। 

● सिर उठाना (विरोध में खड़ा होना)-आप जैसे समर्थक के सामने कौन सिर उठा सकता है।

● सफेद झूठ बोलना (बिल्कुल झूठ) – भारत में भ्रष्टाचार नहीं है, यह कहना सफेद झूठ 

● श्रीगणेश करना (आरंभ करना) – पटना में गंगा पुल का श्रीगणेश अच्छे मुहूर्त में हुआ था। 

● रंग में भंग पड़ना (आनन्द में विघ्न पड़ना) — पुलिस के आते ही जुआरियों के रंग में भंग पड़ गया।

● पारा चढ़ना (गुस्सा होना)—अभी उसका पारा चढ़ा हुआ है छेड़ो मत । 

● पापड़ बेलना (कष्ट झेलना)-मुझको नौकरी पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे।

● मैदान मारना (विजयी होना)— चन्द्रयात्रा अभियान में अमेरिका ने रूस से पहले मैदान मार लिया।

● झंडा गाड़ना ( फतह कर लेना)- उसने तो उस जगह झंडा गाड़ा है, जहाँ सिकन्दर की भी पहुँच मुश्किल थी।

● तीन तेरह होना (बर्बाद होना)—माधो के मरते ही उसका परिवार तीन तेरह हो गया। 

● दाल में काला होना (संदेह की स्थिति होना)-दाल में कुछ काला है, वरना वह मेरी इतनी खुशामद नहीं करता ।

● उल्लू सीधा करना (काम बना लेना)—उसने रुपये के बल पर अपना उल्लू सीधा कर लिया। 

● कपास ओटना (सांसारिक कार्मों में फँसना)-आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास । 

● अपने पाँव पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर होना)-अब आपका लड़का अपने पैर पर खड़ा होने लायक हो गया है।

● मुँह बन्द कर देना (निरुत्तर कर देना)— उसने अपने उत्तर से दुश्मनों के मुँह बंद कर दिये। 

● मन डोलना (विचलित होना)—मेनका को देखकर विश्वामित्र का भी मन डोल गया था। 

● बाल-बाल बचना (साफ बच जाना)- इस भयंकर रेल दुर्घटना में वह बाल-बाल बच गया।

● मन मारकर बैठ जाना (निराश हो जाना) - वीर पुरुष अपनी पराजय पर मन मारकर नहीं बैठते ।

● मुट्ठी में करना ( वश में करना)—उसने तो साहब को ही मुट्ठी में कर लिया है। 

● पाँव उखड़ जाना (पराजित होना) – थानेश्वर की लड़ाई में पृथ्वीराज की सेना के पाँव उखड़ गये ।

● पसीने की कमाई (गाढ़ी मिहनत की कमाई) पसीने की कमाई व्यर्थ लुटाने में मोह होता ही है।

● कान काटना ( मात देना)—उसे छोटा न समझ, भाषण देने में तो यह बड़ों के कान काटता है।

● कान खड़े होना (सावधान होना)-अपनी ही टीका-टिप्पणी होते देख उसके कान खड़े हो गये ।

● कान फूँकना (बहकाना)- आजकल कान फूँकने वालों की कमी नहीं है।

● कलेजा फटना (ईर्ष्या होना)मेरी उन्नति दोकर इन दिनों मेरे एक सहयोगी का कलेजा फट रहा है।

● एक आँख से देखना (समभाव से देखना)- महापुरुष छोटे-बड़े सबको एक आँख से देखते हैं।

● अंक भरना (गोद में उठा लेना) माँ ने दौड़कर अपने इकलौते बेटे को अंक भर लिया। 

● अंगूठा दिखलाना (मौके पर धोखा देना)– चालबाज अंगूठा दिखाना खूब जानते हैं।

● आँखें आना (आँख में रोग होना)-गर्मी की धूप में घूमने से अक्सर आँखें में आ जाती हैं। 

● आँखें चुराना (लज्जित होना)- तुम लाख आँखें चुराओ, मैं तुम्हें छोड़ने वाला नहीं हूँ।

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