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टेक्निकल डिग्री रखने वाले अब नहीं बन सकेंगे सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक


टेक्निकल डिग्री रखने वाले अब नहीं बन सकेंगे सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक

  • गैर स्कूल सब्जेक्ट में स्नातक की डिग्री रखने वाले सैकड़ों छात्रों की समस्या
  • संबंधित विषय में पीजी करने के बाद ही मिल सकती है नौकरी


वरीय संवाददाता, धनबाद

राज्य सरकार की कैबिनेट ने सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी नयी नियमावली को मंजूरी दे दी है. इस नियमावली ने झारखंड के अलग-अलग बीएड कॉलेजों से बीएड की पढ़ाई कर चुके या कर रहे ऐसे हजारों ऐसे छात्र व छात्राओं के सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक बनने की उम्मीद पर पानी फेर दिया है, जिनके पास सिर्फ टेक्निकल और प्रेफोशनल कोर्स (बीटेक, बीसीए, बीबीए) की डिग्री है, इनमें से बड़ी संख्या में छात्र बीबीएमकेयू के बीएड कॉलेजों में पढ़ रहे हैं या यहां से पढ़ाई पूरी कर सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक बनने की तैयारी में लगे हुए हैं. राज्य कैबिनेट ने सब्सिडियरी पेपर में बीएड करने वाले छात्रों को सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक बनने से अयोग्य घोषित कर दिया है. बीटेक और बीसीए करने के बाद बीएड करने वाले छात्रों को मैथ विषय में बीएड करने का मौका दिया जाता है, वहीं बीबीए करने के बाद बीएड करने वाले सकते हैं, छात्रों को कॉमर्स या इकोनॉमिक्स में बीएड करने का मौका दिया जाता है. लेकिन अब नए नियमावली के लागू होने से सिर्फ बीएड की डिग्री के आधार पर सरकारी हाइ स्कूलों में शिक्षक नहीं बन सकते हैं


गैर स्कूल सब्जेक्ट के प्रति बढ़ेगी उदासीन

राज्य सरकार के इस निर्णय से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में गैर स्कूल सब्जेक्ट में डिग्री और पीजी की पढ़ाई के प्रति उदासनीता और बढ़ जाएगी. अभी तक गैर स्कूल सब्जेक्ट में डिग्री लेने के बाद बीएड करने वाले छात्र अपने सब्सिडियरी विषय में बीएड कर लेते थे. लेकिन अब शिक्षक के रूप में कॅरियर को चुनने वाले छात्र इस ऐसे विषयों से डिग्री करने से परहेज करेंगे. इन विषयों में साइकोलॉजी, फिलॉसफी, सोशोलॉजी, बॉटनी और जियोलॉजी जैसे विषय शामिल हैं. इन विषयों के प्रति छात्रों का रूझान पहले से ही काफी कम है. अधिकतर कॉलेजों में इन विषयों यूजी की सीट रिक्त रह जाती है 


पीजी करने पर हो सकते हैं योग्य

वहीं नयी नियमावली के संबंध में बीबीएमकेयू बीएड के विभागाध्यक्ष डॉ उपेन्द्र कुमार बताते हैं, टेक्निकल कोर्स के बीएड छात्रों को संबंधित विषय में में पीजी करना चाहिए. अगर वे पीजी कर लेते हैं, तो वे राज्य में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भाग ले सकते हैं. अगर वे पीजी नहीं करते हैं तो अपनी सिर्फ बीएड की डिग्री से सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं बन सकते हैं.

Reference and Credit: Prabhat Kharbar Dhanbad 24-02-2022 

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